महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित मालेगांव शहर के पंचशील नगर में रहने वाली आदिवासी भील समुदाय की एक 14 वर्षीय नाबालिग युवती को उसके ही घर के पास रहने वाला आरोपी मुस्लिम युवक इमरान बहला फुसला के अगवाह कर ले गया।
लड़की के परिवार के अनुसार इमरान ने युवती का जबरन धर्म परिवर्तन कर, उसपर जादू-टोना, मंत्र टोटका व उसके साथ निकाह और मारपीट कर उसे नशीले पदार्थ खिला कर जबरन शारीरिक सम्बन्ध बनाने के प्रयत्न किये। पंद्रह दिनों तक युवती के साथ बर्बरता की गयी इस मामले में मालेगांव कैंप पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
FIR का पहला प्रष्ठ देखिए:

इस घटना से जुडी जानकारी प्राप्त करने हेतु जब हमने मालेगाव शहर में स्थित लड़की के परिजन एवं वहां रहने वाले कुछ अन्य लोगो से बातचीत की तो हमें यह जानकारी प्राप्त हुयी:
लड़की की माँ बाई पवार (गोपनीयता हेतु नाम बदल दिया हैं) के अनुसार दिवाली के दिन सुबह 6 बजे वह रोजाना की तरह अपना कचरा प्लास्टिक इकठ्ठा करने का काम करने के लिए गयी, तब उनकी बेटी गुडिया और छोटी घर पर थी, लेकिन वह जब काम से वापिस घर आयी तो छोटी से पता चला की गुड़िया शौच करने गयी है, काफी समय तक गुड़िया का इंतजार करने एवं उसे ढूंढने के बाद कोई पता न चलने पर उन्होंने ने पुलिस में शिकायत दर्ज की।

पीड़ित युवती से बात करने पर उसने बताया की 24 अक्टूबर 2022 के दिन सुबह उनके घर के पास रहने वाला मुस्लिम युवक इमरान ने उसे किसी काम से मिलने बुलाया और जबरदस्ती अपने साथ ले गया। रास्ते में इमरान ने उसे नशीली दवाईया खिलाई और आगे वह उसे नासिक से होते हुए रत्नागिरी जिले में स्थित लांजा तालुका के मुंजारवाडी नामक एक छोटे से गांव में ले गया।
वहां अपने मित्र साबिर और जाननेवाली दो महिलाएं एक अस्मा और दूसरी अन्य एक की मदत से एक मौलाना तांत्रिक के द्वारा उसपर जादूटोना कर उसे तावीज बांधा। इसके पश्चात उसका धर्म परिवर्तन कर उसका नाम शोबिया रखा, बाद में उससे निकाह करने की कोशिश की लेकिन उसने निकाह कबूल नहीं किया और निकाह कबूल न करने के कारण उन सब ने उसे मारपीट कर कई दिनों तक प्रताड़ित किया। इन सबके बिच रोजाना मारपीट और नशीली दवाइयां खिलाये जाने के कारण गुड़िया को कई बार खून की उल्टियाँ भी हुई। आरोपी इमरान ने रात के समय युवती के पास सोकर उसे गंदे तरीके से स्पर्श किया और उसका विरोध करने पर उसने गुड़िया से मारपीट भी की।
आगे वे सब उसे सूरत ले गए जिसके बाद पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया। इस मामले में जांच कर रहे अन्वेषण अधिकारी पुलिस सब इंस्पेक्टर एस.एच. देशमुख ने कहा की सभी आरोपियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है और तहकीकात जारी है।
नाबालिग युवती की मानें तो उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए गए और धर्मांतरण भी किया। पुलिस से आगे की कार्यवाही के बारे में पूछने पर उन्होंने कुछ भी नही बताया। आरोपी अभी जेल में है, किंतु धाराओं की पुष्टि अबतक नही हुई है। परिवार के अनुसार उसपर पॉक्सो और धर्मांतरण की धाराओं के अन्तर्गत मुकदमा दायर किया गया है।
परिजनों व पड़ोसियों से पता चला की इमरान ने लॉक डाउन से पहले गुड़िया और उसके परिवार से मोहल्ले में रहने वाले युवक के रूप में जान पहचान बनाई और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा कमजोर होने का फायदा उठाकर उनकी मदत करने का नाटक करते हुए उनसे अच्छे सम्बन्ध बनाने की कोशिश की, जिसके बाद उसका आना जाना शुरू हो गया।
वर्तमान में आरोपी इमरान और उसके साथियो को मालेगांव पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है और युवती को उसके परिजनों को सौंप दिया गया है। पीड़ित युवती का परिवार वीर एकलव्य आदिवासी भील समुदाय से है और अभी भी काफी पिछड़ा जीवन व्यतीत कर रहे है। वे केवल एक छोटे से कमरे में रहते है जिसमे मुश्किल से 3 या 4 लोग ही बैठ पाते हैं।

आदिवासी रीतिरिवाज़ के अनुसार लड़की का विवाह बचपन में ही तय कर दिया गया है और उसके समझदार होने पर उसे ससुराल के लिए विदा कर दिया जायेगा, लेकिन ऐसी घटना के बाद उसके भविष्य पर भी खतरा मंडरा रहा है । उसके पिता की 6 वर्ष पहले मृत्यु हो गयी जिसके बाद उसकी माँ दिनभर कचरा प्लास्टीक इकठ्ठा कर उसे बेच कर 200-300 रुपये प्रतिदिन प्राप्त करती है, उससे उनका जीवन व्यापन चलता है उनके घर में कोई कमाकर लेन वाला पुरुष नहीं है । बेटी के इस तरह लापता होने के तुरंत बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई लेकिन कई दिनों तक पुलिस द्वारा कोई करवाई नहीं हो पायी और पुलिस ने बार बार उसकी माँ को ही पूछताछ के लिए बुलाया जिस कारण उसे अपना काम छोड़ कर पुलिस थाने के चक्कर काटने पड़े।

ऐसे में उसकी माँ कहती है की ‘आम्ही दिवसाला म्हणत करू तर रातला खावू अणि त्यानात या पोलिस स्टेशन न चक्कर अमला नहीं होत’ यानी हम दिन में काम करेंगे तो रात में खाएंगे ऐसी हालत है और यह पुलिस थान के चक्कर हमसे नहीं होता हम क्या करें, जिसके बाद मालेगांव स्थित हिंदुत्ववादी संगठनों ने प्रशासन के ऊपर दबाव बनाया और साथ ही आदिवासी सकल समाज ने 14 नवम्बर 2022 को आंदोलन का इशारा दिया उसके के तुरंत बाद पुलिस ने कार्य में ततपरता दिखाई और 15 दिनों के बाद युवती को ढूंढा और आरोपी इमरान एवं उसके साथियों को 17वे दिन सूरत से गिरफ्तार कर लिया।
मालेगांव में विश्व हिन्दू परिषद् के प्रमुख मछिन्द्र शिर्के और विहीप के धर्म जागरण प्रमुख भावेश भावसार पीड़ित परिवार की मुकदमा लड़ने और उनके परिवार को आर्थिक और मानसिक रूप से सहकार्य कर रहे हैं। उन्होंने हमें बताया की गरीब आदिवासी जो पढ़ना लिखना नहीं जानते उनके लिए एक वक्त की रोटी ही उनका धर्म है ऐसे परिवारों के साथ जानबूझकर इस तरह का कृत्य किया जा रहा है। ऐसी कई घटनाएं इससे पहले भी घटित हो चुकी है और अभी भी इन्हे टारगेट किया जा रहा है। और इन्हे पूरी तरह से मालेगांव से और बाहर से कुछ मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन मदत कर रहे हैं। जिनके लिए पुलिस को कठोर से कठोर कार्रवाई करना आवश्यक है।

अभी इमरान के साथी साबिर, अस्मा और अन्य एक महिला को न्यायलय से बेल पर रिहा कर दिया गया है और इमरान को नासिक सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। मालेगांव एक मुस्लिम बहुसंख्यक शहर है जिसकी आबादी अनुमानित 83% के करीब है और हिन्दू अल्पसंख्यांक 17% हैं ऐसे में यहाँ आये दिन लव जिहाद जैसी और धार्मिक मामलों से जुडी घटनाएं देखने को मिलती हैं जिस कारण हिंदुओं को पलायन करना पड़ रहा है। हिंदुओं का पलायन पिछले 20-25 वर्षों से जारी है और अभी भी काफी ज्यादा मात्रा में चल रहा है।
इस केस में Legal Rights Observatory नामक एक संस्था ने परिवार की मदद की और विदेश प्रदर्शन किया। उनका एक ट्वीट संलग्न है”:
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